प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना 2025 (PM POSHAN) और इसके लाभ

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM Poshan Shakti Nirman Yojana), जिसे पहले मध्याह्न भोजन योजना के नाम से जाना जाता था, भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है। इस योजना का उद्देश्य सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करके कुपोषण को कम करना और उनके शारीरिक व मानसिक विकास को बढ़ावा देना है। यह योजना 2021-22 से 2025-26 तक लागू है और इसका लाभ देश के 11.8 करोड़ से अधिक बच्चों को मिल रहा है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि प्रधानमंत्री पोषण योजना 2025 के तहत लाभ कैसे प्राप्त करें, इसकी आवेदन प्रक्रिया क्या है, और इसके प्रमुख फायदे क्या हैं।

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना क्या है?

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जो केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से संचालित होती है। इसका मुख्य उद्देश्य प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 8) के बच्चों को स्कूल में मुफ्त पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। यह योजना न केवल बच्चों के पोषण स्तर को सुधारती है, बल्कि स्कूलों में उनकी उपस्थिति और शैक्षिक प्रदर्शन को भी बढ़ाती है। योजना के तहत भोजन में हरी सब्जियां, फल, दालें, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल किए जाते हैं, ताकि बच्चों को संतुलित आहार मिले।

इस योजना का बजट 2021-26 के लिए 1.31 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, जिसमें केंद्र सरकार 54,061.73 करोड़ रुपये और राज्य सरकारें 31,733.17 करोड़ रुपये का योगदान देती हैं। इसके अतिरिक्त, खाद्यान्न के लिए 45,000 करोड़ रुपये का खर्च केंद्र सरकार वहन करती है।

प्रधानमंत्री पोषण योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के लिए कोई अलग से आवेदन प्रक्रिया नहीं है, क्योंकि यह योजना स्वचालित रूप से सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को लाभ प्रदान करती है। लाभार्थी बच्चों को उनके स्कूल के माध्यम से ही पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है। नीचे इस प्रक्रिया को समझने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं:

1. पात्रता की जांच करें

योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें हैं:

  • छात्र की स्थिति: बच्चा सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में कक्षा 1 से 8 तक पढ़ रहा हो।

  • निवास: बच्चा भारत का स्थायी निवासी हो।

  • आर्थिक स्थिति: योजना का विशेष ध्यान गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के परिवारों के बच्चों पर है, लेकिन यह सभी पात्र स्कूलों के बच्चों के लिए खुली है।

  • आयु: प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के बच्चे (आमतौर पर 6 से 14 वर्ष)।

2. स्कूल में संपर्क करें

  • योजना का लाभ स्कूलों के माध्यम से स्वचालित रूप से प्रदान किया जाता है। माता-पिता या अभिभावकों को अपने बच्चे के स्कूल प्रशासन से संपर्क करना चाहिए।

  • स्कूल में बच्चे का नामांकन सुनिश्चित करें। नामांकन के बाद बच्चा स्वतः ही इस योजना का लाभार्थी बन जाता है।

  • स्कूल प्रशासन भोजन वितरण की प्रक्रिया और मेन्यू के बारे में जानकारी देगा।

3. आवश्यक दस्तावेज

योजना के लिए अलग से आवेदन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन स्कूल में नामांकन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज चाहिए:

  • आधार कार्ड: बच्चे और अभिभावक का।

  • निवास प्रमाण: राशन कार्ड, बिजली बिल, या अन्य।

  • आय प्रमाण: यदि BPL परिवार से हैं, तो BPL कार्ड।

  • आयु प्रमाण: जन्म प्रमाण पत्र या स्कूल रिकॉर्ड।

  • स्कूल नामांकन विवरण: बच्चे का स्कूल ID या नामांकन नंबर।

4. लाभ प्राप्त करें

  • स्कूल में पढ़ने वाले सभी पात्र बच्चों को दोपहर का भोजन मुफ्त प्रदान किया जाता है।

  • भोजन में 100-150 ग्राम अनाज, 20-30 ग्राम दालें, 50 ग्राम सब्जियां, और 5 ग्राम तेल/घी शामिल होते हैं, जो बच्चों की पोषण आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

  • कुछ राज्यों में स्थानीय खाद्य पदार्थ जैसे बाजरा, रागी, और फल भी मेन्यू में शामिल किए गए हैं।

5. शिकायत या सहायता के लिए

  • यदि भोजन की गुणवत्ता या वितरण में कोई समस्या हो, तो माता-पिता स्कूल प्रशासन या शिक्षा विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

  • हेल्पलाइन नंबर: केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने शिकायतों के लिए टोल-फ्री नंबर जारी किए हैं, जैसे कि 1800-11-5555 (कुछ राज्यों में)।

  • आधिकारिक वेबसाइट pmposhan.education.gov.in पर भी जानकारी और शिकायत पोर्टल उपलब्ध है।

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प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के लाभ

इस योजना के कई महत्वपूर्ण लाभ हैं, जो बच्चों, परिवारों, और समुदाय को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं:

1. कुपोषण में कमी

  • योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों में कुपोषण को कम करना है। पौष्टिक भोजन प्रदान करके यह बच्चों के शारीरिक विकास को बढ़ावा देती है।

  • भोजन में प्रोटीन, विटामिन, और खनिज युक्त खाद्य पदार्थ शामिल किए जाते हैं, जो बच्चों की पोषण आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

2. स्कूल उपस्थिति में वृद्धि

  • मुफ्त भोजन उपलब्ध होने से गरीब परिवारों के बच्चे नियमित रूप से स्कूल आते हैं, जिससे ड्रॉपआउट दर में कमी आती है।

  • विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, यह योजना शिक्षा को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

3. शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार

  • पौष्टिक भोजन बच्चों की मानसिक एकाग्रता और शैक्षिक प्रदर्शन को बेहतर बनाता है।

  • स्वस्थ बच्चे बेहतर सीखने की क्षमता रखते हैं, जिससे उनका समग्र विकास होता है।

4. सामाजिक और लैंगिक समानता

  • योजना सामाजिक और लैंगिक भेदभाव को कम करती है, क्योंकि सभी बच्चों को एक साथ भोजन करने का अवसर मिलता है।

  • यह गरीब और वंचित समुदायों के बच्चों को समान अवसर प्रदान करती है।

5. स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

  • योजना के तहत भोजन तैयार करने के लिए स्थानीय स्तर पर सामग्री खरीदी जाती है, जिससे किसानों और स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं को लाभ होता है।

  • महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) और खाद्य उत्पादक संगठन (FPO) इस योजना के कार्यान्वयन में शामिल हैं, जिससे ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिलता है।

6. मुफ्त और संतुलित भोजन

  • बच्चों को मुफ्त में भोजन प्रदान किया जाता है, जिससे गरीब परिवारों पर आर्थिक बोझ कम होता है।

  • भोजन में विविध और संतुलित आहार शामिल होता है, जैसे हरी सब्जियां, फल, दालें, और अनाज।

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योजना की विशेषताएं

  • बजट: 2021-26 के लिए 1.31 लाख करोड़ रुपये, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों का योगदान शामिल है।

  • कवरेज: देश के 11.2 लाख स्कूलों में 11.8 करोड़ से अधिक बच्चे लाभान्वित।

  • प्रौद्योगिकी का उपयोग: योजना की निगरानी के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप्स का उपयोग किया जाता है।

  • पोषण जागरूकता: व्यवहार परिवर्तन संचार (BCC) के जरिए बच्चों और अभिभावकों में स्वस्थ खान-पान की आदतों को बढ़ावा देना।

  • स्थानीय खाद्य पदार्थ: क्षेत्रीय भोजन जैसे बाजरा और रागी को मेन्यू में शामिल किया गया है।

योजना के लिए कौन पात्र है?

  • प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के बच्चे: कक्षा 1 से 8 तक के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चे।

  • गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के बच्चे: विशेष रूप से वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों पर ध्यान।

  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्र: योजना पूरे भारत में लागू है, जिसमें पहाड़ी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में विशेष प्रावधान हैं।

योजना की सीमाएं

  • गुणवत्ता की चुनौतियां: कुछ क्षेत्रों में भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता को लेकर शिकायतें।

  • सीमित कवरेज: योजना केवल कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए है, उच्च कक्षाओं के लिए कोई प्रावधान नहीं।

  • स्थानीय संसाधनों पर निर्भरता: कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में सामग्री की उपलब्धता और रसोइयों की कमी।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना 2025 बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल कुपोषण को कम करती है, बल्कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाकर शिक्षा को भी प्रोत्साहित करती है। चूंकि इस योजना के लिए अलग से आवेदन की आवश्यकता नहीं है, माता-पिता को केवल अपने बच्चों का सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में नामांकन सुनिश्चित करना होगा। यदि आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो अपने बच्चे के स्कूल से संपर्क करें और भोजन की गुणवत्ता पर नजर रखें। यह योजना बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक मजबूत नींव प्रदान करती है।

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