मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना: किसानों के लिए एक क्रांतिकारी कदम

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसे 19 फरवरी 2015 को राजस्थान के सूरतगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी खेत की मिट्टी की सेहत के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करना है, ताकि वे अपनी फसलों के लिए उचित उर्वरकों का उपयोग कर सकें और उत्पादकता बढ़ा सकें। इस योजना का नारा “स्वस्थ धरा, खेत हरा” देश भर में किसानों को मिट्टी की उर्वरता के प्रति जागरूक करने का प्रतीक है।

(Soil Health Card) मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का महत्व

मिट्टी किसी भी खेत की रीढ़ होती है, और उसकी सेहत फसल की गुणवत्ता और पैदावार पर सीधा प्रभाव डालती है। अक्सर किसान बिना मिट्टी की जांच के अंधाधुंध उर्वरकों का उपयोग करते हैं, जिससे न केवल मिट्टी की उर्वरता कम होती है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना इस समस्या का समाधान करती है। यह योजना निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण है:

  • मिट्टी की गुणवत्ता की जानकारी: यह कार्ड किसानों को मिट्टी के 12 प्रमुख मापदंडों (जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, pH, कार्बनिक कार्बन, सल्फर, जिंक, आयरन आदि) के बारे में जानकारी देता है।

  • उर्वरकों का संतुलित उपयोग: कार्ड में दी गई सिफारिशों के आधार पर किसान सही मात्रा में उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं, जिससे लागत कम होती है और मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।

  • उत्पादकता में वृद्धि: मिट्टी की स्थिति के अनुसार फसल चयन और उर्वरक उपयोग से पैदावार में 5-6% की वृद्धि देखी गई है।

  • पर्यावरण संरक्षण: अत्यधिक उर्वरक उपयोग से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान, जैसे भूमिगत जल में नाइट्रेट की मात्रा बढ़ना, को कम किया जा सकता है।

योजना की मुख्य विशेषताएं

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  1. मुफ्त मिट्टी परीक्षण: किसान अपनी खेत की मिट्टी का मुफ्त परीक्षण करवा सकते हैं। देश भर में मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ (Soil Testing Laboratories – STL) स्थापित की गई हैं, जहाँ मिट्टी के नमूनों का विश्लेषण किया जाता है।

  2. हर दो साल में नया कार्ड: मिट्टी की स्थिति में बदलाव को ध्यान में रखते हुए, हर दो साल में किसानों को नया मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किया जाता है।

  3. ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल ऐप: मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल (soilhealth.dac.gov.in) और SHC मोबाइल ऐप के माध्यम से किसान अपने कार्ड को ऑनलाइन देख सकते हैं और पंजीकरण कर सकते हैं।

  4. जियो-मैपिंग तकनीक: 2023 में शुरू किए गए SHC मोबाइल ऐप में GIS (Geographic Information System) एकीकरण के साथ मिट्टी के नमूनों की जियो-मैपिंग की सुविधा जोड़ी गई है।

  5. रोजगार सृजन: यह योजना ग्रामीण युवाओं, विशेष रूप से 40 वर्ष से कम आयु के लोगों, को मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित करने और संचालित करने का अवसर प्रदान करती है।

(Soil Health Card) मृदा स्वास्थ्य कार्ड में क्या शामिल होता है?

मृदा स्वास्थ्य कार्ड में निम्नलिखित जानकारी शामिल होती है:

  • मिट्टी के पोषक तत्वों की स्थिति: नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, जिंक, आयरन, बोरॉन, मैंगनीज, कॉपर आदि।

  • मिट्टी की भौतिक स्थिति: pH स्तर, विद्युत चालकता (EC), और कार्बनिक कार्बन (OC) की मात्रा।

  • फसल-विशिष्ट सिफारिशें: विभिन्न फसलों के लिए उपयुक्त उर्वरकों और उनकी मात्रा की सलाह।

  • मिट्टी सुधार के उपाय: मिट्टी की कमियों को दूर करने और उर्वरता बढ़ाने के लिए सुझाव।

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योजना की प्रगति और उपलब्धियाँ

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना ने अपने शुरुआती वर्षों से ही महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है:

  • कार्ड वितरण: 2015-2017 के पहले चरण में 10.74 करोड़ और 2017-2019 के दूसरे चरण में 11.69 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए। 2023 तक, कुल 23 करोड़ से अधिक कार्ड जारी किए जा चुके हैं।

  • रासायनिक उर्वरकों में कमी: राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (NPC) के अनुसार, इस योजना के कारण रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में 8-10% की कमी आई है।

  • स्कूल मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम: 2024 तक, 1020 स्कूलों और 1.25 लाख से अधिक छात्रों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, जिससे मृदा स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है।

  • RKVY के साथ एकीकरण: 2022-23 से यह योजना राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत ‘मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता’ घटक के रूप में संचालित हो रही है।

(Soil Health Card) मृदा स्वास्थ्य कार्ड कैसे प्राप्त करें?

किसान निम्नलिखित चरणों के माध्यम से मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्राप्त कर सकते हैं:

  1. मिट्टी का नमूना एकत्र करें: किसान अपने खेत से मिट्टी का नमूना एकत्र कर निकटतम मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में जमा कर सकते हैं।

  2. ऑनलाइन पंजीकरण: मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल (soilhealth.dac.gov.in) पर पंजीकरण करें।

  3. परीक्षण और कार्ड प्राप्ति: प्रयोगशाला द्वारा मिट्टी का विश्लेषण करने के बाद, कार्ड ऑनलाइन उपलब्ध होता है या हार्ड कॉपी में प्रदान किया जाता है।

  4. सुझावों का पालन: कार्ड में दी गई सिफारिशों के अनुसार उर्वरक और फसल प्रबंधन करें।

योजना की चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा

हालांकि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना ने कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं:

  • सीमित जागरूकता: कुछ क्षेत्रों में किसानों को योजना के लाभों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।

  • प्रयोगशालाओं की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ उपलब्ध नहीं हैं।

  • समय पर वितरण: कार्ड का समय पर वितरण, विशेष रूप से बुवाई से पहले, एक चुनौती है।

भविष्य में, सरकार का लक्ष्य प्रत्येक तालुका में कम से कम एक मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करना और SHC मोबाइल ऐप के माध्यम से डिजिटल पहुंच को और बढ़ाना है।

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निष्कर्ष

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना भारतीय किसानों के लिए एक वरदान साबित हुई है। यह न केवल उनकी खेती की लागत को कम करती है, बल्कि फसल की पैदावार और मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाती है। यह योजना टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। किसानों को इस योजना का अधिकतम लाभ उठाने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल और स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करना चाहिए।

अधिक जानकारी के लिए: soilhealth.dac.gov.in पर जाएँ।

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