बिहार सरकार की दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल : मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (संबल)

भारत में सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में उठाए गए कदमों में विकलांग (दिव्यांग) व्यक्तियों को सशक्त बनाने की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से बिहार राज्य द्वारा चलायी जा रही मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (संबल) एक ऐसा प्रयास है, जो विकलांग व्यक्तियों को शारीरिक, सामाजिक, शैक्षिक तथा आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का उद्देश्य रखती है। इस लेख में हम इस योजना का सम्पूर्ण विवरण — उद्देश्य, पात्रता, लाभ, आवेदन प्रक्रिया और सुझाव — विस्तार से समझने का प्रयास करेंगे।

Table of Contents

1. योजना का नाम एवं पृष्ठभूमि

यह योजना “मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (संबल)” नाम से जानी जाती है। बिहार सरकार द्वारा राज्य के दिव्यांगजन (विकलांग) व्यक्तियों को समग्र रूप से सशक्त करने हेतु चलायी गई है। इस योजना के माध्यम से विभिन्न विकलांगता-से संबंधित योजनाओं को एकीकृत करके शीघ्र लाभ पहुँचाना लक्ष्य रखा गया है। 

योजनाकार्य इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि देश में विकलांग जन (दिव्यांगजन) को अक्सर सामाजिक, आर्थिक व शैक्षिक बधाओं का सामना करना पड़ता है और इस तरह की योजनाएँ उन्हें मुख्यधारा में आने में मदद करती हैं।

2. उद्देश्य एवं लक्ष्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है:

  • दिव्यांग व्यक्तियों को शारीरिक, सामाजिक, शैक्षिक तथा आर्थिक रूप से सशक्त बनाना। 

  • राज्य में चल रही विकलांगता-संबंधित विभिन्न योजनाओं को एक समेकित मंच पर लाना ताकि लाभार्थियों को जल्दी एवं सुव्यवस्थित तरीके से सहायता मिल सके। 

  • दिव्यांग व्यक्तियों में आत्मविश्वास एवं आत्मनिर्भरता बढ़ाना, जिससे वे समाज में बराबरी की भागीदारी कर सकें।

  • विशेष रूप से शैक्षिक अवसर बढ़ाना तथा स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना।

इन उद्देश्यों के माध्यम से यह योजना विकलांग व्यक्तियों को “मदद” доने से आगे बढ़कर “सशक्त” करने की दिशा में काम करती है।

3. प्रमुख लाभ एवं घटक

योजना में कई लाभ-घटक शामिल किए गए हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

(क) स्व-रोजगार ऋण

  • पात्र दिव्यांग व्यक्तियों को ₹2.00 लाख तक का ऋण (स्वरोजगार हेतु) कम ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। 

  • उम्र सीमा सामान्यतः 18-60 वर्ष के बीच रखी गई है। 

  • इस ऋण के माध्यम से दिव्यांग व्यक्ति अपना व्यवसाय शुरू करके आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

(ख) सहायक उपकरण एवं कृत्रिम अंग

  • विकलांग व्यक्ति को ट्राइसिकल, सुनने-सहायक यंत्र (हियरिंग एड), कैलिपर्स, छड़ आदि जैसे उपकरण दिए जाते हैं। 

  • इससे उनकी चल-फिरने, सुनने-समझने तथा रोजमर्रा की गतिविधियों में सहायता मिलती है।

(ग) विशेष स्कूल-छात्रवृत्ति

  • विशेष विद्यालयों में पढ़ने वाले दिव्यांग छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है। 

  • यह उन्हें शिक्षा की राह में आगे बढ़ने में मदद करती है।

(घ) अन्य अनुदान / ग्रांट

  • कुछ मामलों में राष्ट्रीय ट्रस्ट की योजनाओं के तहत अतिरिक्त राज्य अनुदान दिए जाते हैं, विशेष रूप से तब जब लाभार्थी की स्थिति विशेष हो। 

  • इसके अलावा, 2025 में घोषित है कि दिव्यांग आयोग द्वारा सिविल सर्विसेस परीक्षा उत्तीर्ण दिव्यांग उम्मीदवारों को भी वित्तीय सहायता मिल सकेगी। 

4. पात्रता मानदंड

किसे इस योजना का लाभ मिल सकता है? नीचे पात्रता-मानदंड दिए गए हैंः

  • लाभार्थी को बिहार राज्य का निवासी होना अनिवार्य है। 

  • विकलाङता प्रमाणपत्र (Disability Certificate) होना चाहिए तथा अधिकांश प्रावधानों के लिए 40% या उससे ऊपर विकलाङता अपनायी गई है। 

  • स्व-रोजगार ऋण हेतु आयु सीमा 18-60 वर्ष रखी गई है। 

  • विशेष स्कूल-छात्रवृत्ति हेतु छात्र की आयु 6-18 वर्ष तक हो सकती है। 

  • अन्य संबंधित लाभ के लिए परिवार की आय आदि में कुछ सीमित शर्तें हो सकती हैं—उदाहरण के लिए उपकरण लाभ हेतु वार्षिक आय 1 लाख तक हो सकती है। 

  • दिव्यांग लड़कों की सिविल सेवा परीक्षा लाभ के लिए संबंधित श्रेणी (बीसी, ईडब्ल्यूएस, सामान्य) के अंतर्गत होना चाहिए। 

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5. आवेदन प्रक्रिया

योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:

  1. सबसे पहले आवेदन-फॉर्म अथवा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करना होगा। 

  2. आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे जैसे:

    • आधार कार्ड

    • पैन कार्ड

    • बैंक खाता प्रमाण

    • मोबाइल नंबर जो आधार से जुड़ा हो

    • विकलाङता प्रमाणपत्र

    • आय-आधारित प्रमाणपत्र (अगर लागू हो)

  3. आवेदन जमा करने के बाद चयन-प्रक्रिया के तहत आवेदन की जाँच एवं मॉनीटरिंग की जाती है।

  4. लाभ मिलने पर राशि अथवा उपकरण सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है।

  5. किसी भी शिकायत हेतु जिला स्तर पर सामाजिक सुरक्षा सेल या राज्य स्तरीय दिव्यांग आयोग का समन्वय किया गया है। 

6. क्या नया परिवर्तन हुआ है?

हाल ही में इस योजना में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं जो इसे और अधिक समावेशी बनाते हैं:

  • 2025 में घोषित किया गया कि दिव्यांग उम्मीदवार जो Bihar Public Service Commission (BPSC) या Union Public Service Commission (UPSC) की परीक्षा प्रारंभिक (Prelims) उत्तीर्ण करते हैं, उन्हें इस योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता मिलेगी।

  • यह कदम विशेष रूप से दिव्यांग युवा उम्मीदवारों को उच्च सेवा-क्षेत्र में आने के अवसर देने की दिशा में है।

  • योजना का लक्ष्य सिर्फ लाभ देना नहीं, बल्कि दिव्यांग व्यक्तियों को मुख्यधारा में स्थान दिलाना भी है।

7. लाभ-प्राप्ति की चुनौतियाँ एवं सुझाव

योजनाएं अपनी दिशा में सही कदम हैं, लेकिन सफल क्रियान्वयन के लिए कुछ चुनौतियाँ भी सामने आती हैं:

चुनौतियाँ

  • विकलांग प्रमाणपत्र जारी करने व सत्यापन की प्रक्रिया में देरी।

  • लाभार्थियों को जानकारी का अभाव या जागरूकता की कमी।

  • आवेदन प्रक्रिया में दस्तावेज-जटिलताएं या तकनीकी अड़चनें।

  • राज्य-स्तर पर निगरानी एवं फीडबैक-मेकैनिज़्म का पर्याप्त न होना।

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सुझाव

  • ग्राम-पंचायती स्तर पर जागरूकता शिविर आयोजित किये जाएँ ताकि दिव्यांग व्यक्ति एवं उनके परिवार योजना की जानकारी प्राप्त कर सकें।

  • दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाया जाए।

  • सामाजिक सुरक्षा सेल एवं दिव्यांग आयोग के पोर्टल पर नियमित अपडेशन व ट्रैकिंग सिस्टम हो।

  • स्वरोजगार ऋण लेने वाले दिव्यांगों को बिजनेस-मॉडल, ट्रेनिंग एवं मेंटरशिप जैसी सहायता दी जाए।

  • आवेदन-प्रक्रिया को मोबाइल-फ्रेंडली व सरल बनाया जाए ताकि तकनीकी दायित्व कम हो सके।

8. निष्कर्ष

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (संबल) एक प्रेरणादायी पहल है जो विकलांग व्यक्ति को “मदद के वस्तु” से आगे लेकर “स्वावलंबी एवं सम्मानित सदस्य” बनाने का प्रयास करती है। यह योजना सिर्फ वित्तीय लाभ नहीं देती, बल्कि सामाजिक समावेश, शिक्षा-सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक पुल का काम करती है।

यदि आप इस योजना के अंतर्गत पात्र हैं या अपने अगले कदम के तौर पर आवेदन करना चाहते हैं — तो सही जानकारी जुटाएं, आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें और समय पर आवेदन करें। साथ ही, जान लें कि केवल लाभ पाना ही नहीं बल्कि उसे सही तरह से उपयोग करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न – मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (संबल) बिहार 2025


🔹 प्रश्न 1: मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (संबल) क्या है?

उत्तर: मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (संबल) बिहार सरकार की एक विशेष योजना है जिसका उद्देश्य राज्य के दिव्यांग व्यक्तियों को शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत दिव्यांगों को ऋण सहायता, कृत्रिम अंग, सहायक उपकरण, छात्रवृत्ति और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाते हैं।


🔹 प्रश्न 2: संबल योजना के तहत कौन-कौन लाभ प्राप्त कर सकते हैं?

उत्तर: इस योजना का लाभ बिहार राज्य के वे निवासी प्राप्त कर सकते हैं जिनकी विकलांगता 40% या उससे अधिक है और जिनके पास वैध दिव्यांगता प्रमाणपत्र (Disability Certificate) मौजूद है।


🔹 प्रश्न 3: मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत क्या-क्या सुविधाएं दी जाती हैं?

उत्तर:

  • ₹2 लाख तक का कम ब्याज पर स्वरोजगार ऋण

  • ट्राइसिकल, हियरिंग एड, कृत्रिम अंग जैसे सहायक उपकरण

  • विशेष विद्यालयों के छात्रों को छात्रवृत्ति

  • प्रशिक्षण और रोजगार सहायता

  • सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण दिव्यांग युवाओं को आर्थिक प्रोत्साहन


🔹 प्रश्न 4: संबल योजना में आवेदन कैसे करें?

उत्तर: इच्छुक लाभार्थी सक्षम बिहार पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता, मोबाइल नंबर, आय प्रमाणपत्र और दिव्यांगता प्रमाणपत्र अनिवार्य हैं। आवेदन की जाँच के बाद लाभार्थी को सहायता राशि या उपकरण सीधे बैंक खाते में प्रदान किए जाते हैं।


🔹 प्रश्न 5: मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना में ऋण पाने के लिए क्या आयु सीमा है?

उत्तर: इस योजना के तहत स्वरोजगार ऋण प्राप्त करने के लिए लाभार्थी की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।


🔹 प्रश्न 6: संबल योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: संबल योजना का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनाना, उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना और रोजगार एवं शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना है।


🔹 प्रश्न 7: संबल योजना का लाभ कब और कैसे प्राप्त होगा?

उत्तर: आवेदन स्वीकृत होने के बाद लाभार्थी के खाते में सीधे राशि स्थानांतरित की जाती है या उपकरण स्थानीय सामाजिक कल्याण विभाग के माध्यम से प्रदान किए जाते हैं। आवेदन की स्थिति saksham.bihar.gov.in पर ट्रैक की जा सकती है।


🔹 प्रश्न 8: संबल योजना 2025 में क्या नए बदलाव हुए हैं?

उत्तर: 2025 में बिहार सरकार ने यह घोषणा की है कि दिव्यांग उम्मीदवार जो BPSC या UPSC की प्रारंभिक परीक्षा पास करते हैं, उन्हें इस योजना के अंतर्गत अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी — ताकि वे उच्च सेवाओं में प्रवेश कर सकें।


🔹 प्रश्न 9: संबल योजना से संबंधित शिकायत कहाँ दर्ज कर सकते हैं?

उत्तर: शिकायतें जिला सामाजिक सुरक्षा कार्यालय या राज्य दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय (सक्षम, बिहार) के पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज की जा सकती हैं।


🔹 प्रश्न 10: क्या यह योजना सभी प्रकार के दिव्यांग व्यक्तियों के लिए है?

उत्तर: हाँ, यह योजना शारीरिक, दृष्टि, श्रवण, मानसिक और अन्य प्रकार की विकलांगता वाले सभी दिव्यांग व्यक्तियों के लिए लागू है, बशर्ते उनके पास वैध प्रमाणपत्र हो।

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