भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनावों ने देश में सुरक्षा तैयारियों को और मजबूत करने की जरूरत को उजागर किया है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई, के बाद भारत सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। इस हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। अब, तनाव के बीच नागरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 31 मई 2025 को ऑपरेशन शील्ड के तहत एक व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। आइए जानते हैं इस मॉक ड्रिल और ताजा घटनाक्रम के बारे में।
31 मई को मॉक ड्रिल: क्या है ‘ऑपरेशन शील्ड’?
पाकिस्तान से सटे राज्यों में 31 मई को होने वाली मॉक ड्रिल को पहले 29 मई को आयोजित किया जाना था, लेकिन प्रशासनिक कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया था। यह मॉक ड्रिल जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और चंडीगढ़ में आयोजित की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों, सुरक्षाबलों और प्रशासन के बीच तालमेल को परखना और सुधारना है। आज तक के अनुसार, यह अभ्यास 7 मई को हुई पहली मॉक ड्रिल की कमियों को दूर करने के लिए और अधिक व्यवस्थित होगा।
मॉक ड्रिल में क्या होगा?
- हवाई हमले के सायरन: हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे ताकि नागरिकों को आपात स्थिति में सतर्कता का अभ्यास हो।
- ब्लैकआउट अभ्यास: रात 8 बजे से 15 मिनट के लिए नियंत्रित ब्लैकआउट किया जाएगा, जिससे दुश्मन के लिए निशाना साधना मुश्किल हो।
- नागरिक प्रशिक्षण: लोगों को युद्ध जैसी स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने, अफवाहों से बचने और प्रोपेगेंडा के खिलाफ सतर्क रहने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
- आपातकालीन सेवाओं का परीक्षण: अस्पताल, दमकल केंद्र और पुलिस स्टेशनों जैसी सेवाओं की तैयारियों को परखा जाएगा।
पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव को चरम पर पहुंचा दिया। इस हमले के बाद भारत ने 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के 9 ठिकानों को 25 मिनट में नष्ट कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के गांधीनगर में एक रैली में कहा कि इस ऑपरेशन को कैमरे के सामने रिकॉर्ड किया गया ताकि सबूत मौजूद रहें। इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया।
पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन के जवाब में ड्रोन हमले किए, लेकिन भारतीय सेना ने इन्हें नाकाम कर दिया। चार दिन (7-10 मई) तक चले सशस्त्र संघर्ष के बाद 10 मई को दोनों देशों ने आपसी सहमति से सीजफायर की घोषणा की।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और भारत की रणनीति
पाकिस्तान ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर को “युद्ध का ऐलान” करार देते हुए अपनी संसद में भारत विरोधी प्रस्ताव पारित किया। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया कि उसका लक्ष्य केवल आतंकवाद को खत्म करना है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान में अभी भी 12 आतंकी कैंप मौजूद हैं, जिन्हें भारत भविष्य में निशाना बना सकता है।
7 मई की मॉक ड्रिल: एक नजर
इससे पहले, 7 मई 2025 को देश के 244 जिलों में एक व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। इस दौरान हवाई हमले के सायरन, ब्लैकआउट और निकासी योजनाओं का अभ्यास किया गया। बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में यह ड्रिल सुबह और शाम दो बार आयोजित की गई थी। इसका उद्देश्य नागरिकों को आपात स्थिति में तैयार करना और प्रशासन की प्रतिक्रिया को परखना था।
31 मई की मॉक ड्रिल क्यों महत्वपूर्ण?
31 मई की मॉक ड्रिल को ऑपरेशन शील्ड के तहत और अधिक व्यवस्थित और प्रभावी बनाने की योजना है। यह अभ्यास खासकर उन पश्चिमी राज्यों में होगा जो पाकिस्तान की सीमा से सटे हैं। हरियाणा सरकार ने अपने 22 जिलों में शाम 5 बजे से इस ड्रिल को आयोजित करने की घोषणा की है। इसका मकसद आपातकालीन तंत्र को मजबूत करना और नागरिकों में जागरूकता बढ़ाना है।
नागरिकों के लिए सलाह
मॉक ड्रिल के दौरान नागरिकों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- सायरन सुनते ही शांत रहें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
- टॉर्च, मोमबत्ती और प्राथमिक चिकित्सा किट तैयार रखें।
- अफवाहों और गलत सूचनाओं से बचें।
- आपातकालीन निकासी मार्गों और सुरक्षित स्थानों की जानकारी रखें।
निष्कर्ष
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार नागरिक सुरक्षा को लेकर कोई कोताही नहीं बरत रही है। 31 मई को होने वाली मॉक ड्रिल न केवल सुरक्षा बलों और प्रशासन की तैयारियों को परखेगी, बल्कि नागरिकों को भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार करेगी। यह समय है जब हमें एकजुट होकर देश की सुरक्षा के लिए तैयार रहना होगा।
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